Toll Passes With Fastag: FASTag की जगह आएगा स्मार्ट टोल सिस्टम, जानें क्या है लाइफटाइम टोल पास

By Vishal Singhania

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Toll Passes With Fastag: अब बार-बार FASTag रिचार्ज करने की झंझट खत्म होने वाली है। भारत सरकार ने नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर टोल भुगतान को आसान बनाने के लिए निजी वाहनों के लिए वार्षिक और लाइफटाइम टोल पास की सुविधा का प्रस्ताव रखा है। इस योजना के तहत, वाहन मालिकों को टोल भुगतान के लिए एक बार शुल्क देना होगा, जिससे लंबी अवधि के लिए यात्रा आसान और किफायती हो जाएगी।

वार्षिक और लाइफटाइम टोल पास की लागत

सरकार ने वार्षिक टोल पास की कीमत 3,000 रुपये रखी है। यह पास पूरे एक साल तक देशभर के नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर असीमित यात्रा के लिए मान्य होगा। इसके अलावा, 15 साल के लिए लाइफटाइम टोल पास की योजना भी प्रस्तावित की गई है, जिसकी कीमत 30,000 रुपये है। ये दोनों पास मौजूदा FASTag सिस्टम से लिंक किए जाएंगे, जिससे उपयोगकर्ता के लिए टोल भुगतान की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी।

कैसे काम करेंगे ये पास?

वार्षिक टोल पास को 3,000 रुपये में खरीदा जा सकेगा। यह पास पूरे एक साल के लिए सभी नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर असीमित यात्रा की अनुमति देगा। उपयोगकर्ता का FASTag अकाउंट इस पास से लिंक होगा, जिससे बार-बार रिचार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

लाइफटाइम टोल पास की लागत 30,000 रुपये है और इसकी वैधता 15 साल तक होगी। एक बार खरीदने के बाद उपयोगकर्ता को लंबे समय तक टोल भुगतान की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। इस पास को भी FASTag सिस्टम में इंटीग्रेट किया जाएगा, जिससे यात्रा के दौरान टोल का भुगतान स्वचालित रूप से हो जाएगा।

मौजूदा मासिक पास से सस्ता और फायदेमंद

वर्तमान में निजी कारों के लिए 340 रुपये प्रति माह का मासिक पास उपलब्ध है, जो केवल एक टोल प्लाजा पर मान्य होता है। इसका वार्षिक खर्च 4,080 रुपये है। वहीं, 3,000 रुपये का वार्षिक टोल पास पूरे देश के हाईवे और एक्सप्रेसवे पर असीमित यात्रा की अनुमति देता है। यह मासिक पास की तुलना में न केवल सस्ता है, बल्कि यात्रा को अधिक सुविधाजनक भी बनाता है।

सरकार का उद्देश्य

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार का उद्देश्य टोल भुगतान की प्रक्रिया को आसान और परेशानी मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि निजी वाहनों से टोल का केवल 26% हिस्सा आता है, जबकि 74% राजस्व कमर्शियल वाहनों से होता है। इसलिए, निजी कार मालिकों के लिए टोल प्रक्रिया को सरल बनाने पर काम किया जा रहा है।

इस नई योजना से टोल प्लाजा पर भीड़ कम होगी, भुगतान की प्रक्रिया तेज होगी और यात्रियों को समय की बचत होगी। साथ ही, सरकार को अपने राजस्व में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।

अगले चरण की योजना: सैटेलाइट-बेस्ड टोल सिस्टम

सरकार अब सैटेलाइट-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम (GNSS) की दिशा में काम कर रही है। इस तकनीक के तहत, टोल वाहन की यात्रा की दूरी के आधार पर लिया जाएगा। GNSS सिस्टम के जरिए FASTag की जगह डिजिटल ट्रैकिंग होगी, जिससे टोल का भुगतान ऑटोमैटिक हो जाएगा।

इस तकनीक से यात्रियों को रोजाना 20 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा की सुविधा मिल सकती है। 20 किलोमीटर से अधिक यात्रा पर टोल की गणना वाहन की मूवमेंट ट्रैकिंग के आधार पर होगी। इस नई प्रणाली से टोल प्लाजा की जरूरत खत्म हो सकती है और टोल भुगतान पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगा।

सरकार की यह पहल टोल भुगतान को सरल और सुविधाजनक बनाएगी। वार्षिक और लाइफटाइम टोल पास का प्रस्ताव निजी वाहन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है। इसके साथ ही, GNSS जैसी नई तकनीकें भारत के टोल कलेक्शन सिस्टम को उन्नत और डिजिटल बनाने में मदद करेंगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए वाहन मालिकों को सरकार की घोषणाओं पर नजर बनाए रखनी चाहिए।

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निष्कर्ष

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Vishal Singhania

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम विशाल कुमार है और मैं भारत का रहने वाला हूँ। मैंने 2022 में ब्लॉगिंग शुरू की। मुझे वित्त और व्यवसाय के बारे में लिखने या किसी को बताने का बहुत शौक है। अब मैं aajtak.in की मदद से आपको बिजनेस, फाइनेंस और कई अन्य चीजों से जुड़ी हर जानकारी बताने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

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